विश्व हिंदू परिषद (VHP) के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और वरिष्ठ वकील आलोक कुमार (Alok Kumar) ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाए जाने पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, ''यह ऐतिहासिक फैसला भगवा विचारक और भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी (Shyama Prasad Mukherjee) को श्रद्धांजलि के रूप में याद किया जाएगा.
विहिप नेता ने कहा, "अब जम्मू-कश्मीर में एकमात्र अधूरा एजेंडा पाक अधिकृत कश्मीर को पाकिस्तान के चंगुल से मुक्त कराना है. हमें विश्वास है कि एक मजबूत भारत और दृढ़ सरकार जल्द ही पीओके को मुक्त कराने में सक्षम होगी." .
इस बात की पुष्टि करते हुए कि जम्मू-कश्मीर हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहा है और रहेगा, कुमार ने कहा, "सोमवार का फैसला रेखांकित करता है कि 1947-48 में महाराजा हरि सिंह द्वारा हस्ताक्षरित विलय पत्र अंतिम, वैध और अपरिवर्तनीय था. कुछ राजनीतिक गलतफहमियों के कारण तत्कालीन राजनीतिक नेतृत्व ने अनुच्छेद 370 के माध्यम से जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया था."
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के 2019 के फैसले की वैधता को बरकरार रखा, जिसने जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान किया और पुष्टि की कि अनुच्छेद 370 एक 'अस्थायी प्रावधान' था.
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